Constitution

Constitution

                         आर्यवर्त राष्ट्रवादी पार्टी – संविधान

Aryavart Nationalist Party – constitution

       प्रथम सम्मेलन , भिलाई – जिला दुर्ग (छत्तीसगढ़)

                

      

 

अनुच्छेद 1 : दल का नाम

दल का नाम आर्यवर्त राष्ट्रवादी पार्टी (Aryavart nationalist party) होगा । संक्षेप मे anp india नाम से संबोधित किया जाएगा ।

                     अनुच्छेद 2 : दल का उद्देश्य

आर्यवर्त राष्ट्रवादी पार्टी (Aryavart nationalist party) भारत के संविधान मे सच्ची निष्ठा और श्रद्धा है । पार्टी शहीद मंगल पांडे एवं नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जी के आदर्शो से प्रेरणा लेकर राष्ट्र सेवा , कर्तव्यनिष्ठा , धर्मनिरपेक्षता तथा जनता की सेवा के लिए समर्पित रहेगी । आर्यवर्त राष्ट्रवादी पार्टी (Aryavart nationalist party) का विश्वास ऐसी राजव्यवस्था मे है जिसमे आर्थिक एवं राजनीतिक सत्ता का विकेन्द्रीकरण निश्चित रूप से हो । पार्टी न्याय , शिष्टाचार , सहयोग , भाईचारे तथा अधिकार प्राप्त करने अन्याय का विरोध करने के लिए लोकतान्त्रिक नीतियो मे विश्वास रखती है । पार्टी लोकतन्त्र के नियमो का पूरी निष्ठा से निर्वाह करेगी ।

            महिलाओ, दलितो, पिछड़ा वर्ग, एवं सामान्य वर्ग के भारतीय नागरिकों के अधिकारो को विशेष महत्व दिया जाएगा । अल्पसंख्यक एवं अन्य धर्मो के लोगो के साथ भाईचारे की भावना से प्रेमपूर्वक व्यवहार किया जाएगा ।

            पार्टी मे अपराधी प्रवृत्ति , भ्रष्ट , छुआछूत , भेदभाव करने वाले लोगो को सदस्य नहीं बनाया जाएगा । पार्टी कभी भी जाती धर्म पर आधारित राजनीति नहीं करेगी ।

            आर्यवर्त राष्ट्रवादी पार्टी (Aryavart nationalist party) विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा एवं निष्ठा रखेगी तथा उसमे सन्निहित देशहित, समानता, भाईचारा, धर्मनिरपेक्षता एवं प्रजातन्त्र के सिद्धांतो के प्रति प्रतिबद्ध रहेगी । आर्यवर्त राष्ट्रवादी पार्टी भारत की संप्रभुता एकता एवं अखंडता को अक्षुण बनाए रखेगी ।

            विशिष्ट उपबंध : पार्टी किसी भी तरह की हिंसा को प्रोत्साहित, उत्तेजित नहीं करेगी

                     अनुच्छेद 3 : दल की सदस्यता

18 वर्ष से अधिक उम्र का व्यक्ति आर्यवर्त राष्ट्रवादी पार्टी (Aryavart nationalist party) का सदस्य बन सकता है । पार्टी की सदस्यता लेने वाला व्यक्ति किसी अन्य दल, पार्टी का लिखित मे परिचय पत्र के साथ सदस्य नहीं होना चाहिए । सदस्यता का कार्यकाल 3 वर्ष के लिए होगा जो जनवरी के प्रथम दिवस से प्रारम्भ होकर तृतीय वर्ष के दिसंबर माह के अंतिम तिथि तक होगा ।

            पार्टी की साधारण सदस्यता निःशुल्क होगी एवं सक्रिय सदस्यता के लिए 500 रुपये प्रतिवर्ष पार्टी कोष मे सदस्यों द्वारा देय होगा , यदि कोई साधारण सदस्य/कार्यकर्ता स्वेक्षा से आर्थिक सहयोग करना चाहे तो सहयोग स्वीकार किया जाएगा । पार्टी के नेताओ , पदाधिकारियों , प्रमुख सदस्यो को अपना व्यय स्वयं वहन करना होगा । पार्टी के पास धन होगा तो प्रमुख नेताओ , अधिकारियों को पार्टी के प्रचार प्रसार एवं अन्य कार्यक्रम के लिए दिया जाएगा ।

                  अनुच्छेद 4 : दल के घटक ( संगठनात्मक संरचना )           

आर्यवर्त राष्ट्रवादी पार्टी (Aryavart nationalist party) के निम्न अंग होंगे

  1. आर्यन युवा (Aryan youth) : सभी जाती वर्ग के स्कूल कॉलेज मे पढ़ने वाले युवाओ को निःशुल्क सदस्यता प्रदान की जाएगी । 1 अध्यक्ष 1 उपाध्यक्ष 1 महासचिव 2 सचिव राष्ट्रीय स्तर पर 3 वर्ष के लिए नियुक्त किए जाएंगे जिनका चयन राष्ट्रीय और राज्य कार्यकारिणी के पदाधिकारियों द्वारा किया जाएगा । जिला स्तर पर प्रत्येक जिला से 1 अध्यक्ष 1 उपाध्यक्ष 1 सचिव 3 वर्ष के लिए नियुक्त किया जाएगा । 3 वर्ष बाद फिर से नए आर्यन युवा (Aryan youth) के अध्यक्ष उपाध्यक्ष सचिव पदो की नियुक्तीया राष्ट्रीय व राज्य कार्यकारिणी द्वारा की जाएगी ।
  2. ANP पिछड़ा वर्ग युवा संघ (OBC youth) : भारतीय संविधान , न्यायपालिका , द्वारा पिछड़ा वर्ग मे सम्मिलित जाती के युवाओ को निःशुल्क सदस्यता दी जाएगी । राष्ट्रीय व राज्य कार्यकारिणी द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर 1 अध्यक्ष 1 उपाध्यक्ष 1 सचिव की नियुक्ति 3 वर्ष की अवधि के लिए की जाएगी । प्रत्येक जिला मे 1 जिलाध्यक्ष 1 उपाध्यक्ष 1 सचिव की नियुक्ति राष्ट्रीय व राज्य कार्यकारिणी द्वारा 3 वर्ष की अवधि के लिए की जाएगी । 3 वर्ष बाद पुनः निर्वाचन प्रक्रिया राष्ट्रीय व राज्य कार्यकारिणी द्वारा सम्पन्न कराई जाएगी ।
  3. ANP अनुसूचित जाति जनजाति युवा (SC-ST youth) : भारतीय संविधान , न्यायपालिका द्वारा अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति मे सम्मिलित अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति के युवाओ को निःशुल्क सदस्यता दी जाएगी । राष्ट्रीय व राज्य कार्यकारिणी द्वारा 1 अध्यक्ष 1 उपाध्यक्ष 1 सचिव की नियुक्ति राष्ट्रीय स्तर पर 3 वर्ष ले लिए की जाएगी । प्रत्येक जिलो मे सिर्फ 1 sc st जिलाध्यक्ष की नियुक्ति राज्य कार्यकारिणी द्वारा 3 वर्ष के लिए की जाएगी । 
  4. ANP महिला वर्ग संघ (Female wing) : सभी जाती धर्मो की महिलाओ को निःशुल्क सदस्यता प्रदान की जाएगी । राष्ट्रीय स्तर पर 1 अध्यक्ष 1 उपाध्यक्ष 1 सचिव की नियुक्ति राष्ट्रीय व राज्य कार्यकारिणी द्वारा 3 वर्ष के लिए की जाएगी । प्रत्येक जिलो मे 1 जिलाध्यक्ष नियुक्त की जाएगी ।
  5. ANP अल्पसंख्यक युवा संघ : अल्पसंख्यक समुदाय के 18 वर्ष से अधिक के युवाओ को निःशुल्क सदस्यता प्रदान की जाएगी। राष्ट्रीय स्तर पर 1 अध्यक्ष 1 उपाध्यक्ष 1 सचिव और प्रत्येक जिलो मे 1 जिलाध्यक्ष की नियुक्ति राष्ट्रीय व राज्य कार्यकारिणी द्वारा 3 वर्ष के लिए की जाएगी । 
  6. ANP मजदूर किसान संघ (peasant union) : किसानो मजदूरो के हितो को ध्यान मे रखते हुवे संगठन का संचालन किया जाएगा । प्रत्येक जिलो मे 1 जिलाध्यक्ष और राष्ट्रीय स्तर पर 1 अध्यक्ष की नियुक्ति राष्ट्रीय व राज्य कार्यकारिणी द्वारा 3 वर्ष के लिए की जाएगी। 
  7. ANP व्यापारी संघ (Businessmen union) : व्यापार से जुड़े लोगों को सदस्यता प्रदान की जाएगी । प्रत्येक जिलो मे सिर्फ एक जिलाध्यक्ष की नियुक्ति राष्ट्रीय व राज्य कार्यकारिणी द्वारा 3 वर्ष के लिए की जाएगी ।
  8. ANP रेल्वे युवा संघ (railway youth) : रेल्वे मे कार्यरत व्यक्तियों के पारिवारिक सदस्यो को  सदस्यता प्रदान की जाएगी । इनमे सिर्फ एक जिलाध्यक्ष (जो सरकारी कर्मचारी ना हो ) प्रत्येक जिला मे 3 वर्ष के लिए राष्ट्रीय व राज्य कार्यकारिणी द्वारा नियुक्त किया जाएगा जो रेल कर्मचारियो के परिवारजनो की समस्या व सुझाव राष्ट्रीय अध्यक्ष तक प्रेषित करेगा ।
  9. ANP अधिवक्ता संघ (Advocate union) : वकालत के कार्यो से जुड़े युवाओ, पुरुष, महिलाओ, को सदस्यता प्रदान की जाएगी । अधिवक्ता संघ के सभी सदस्य अपनी सहमति से अपनी पसंद के व्यक्ति को अपना अध्यक्ष/सचिव नियुक्त करेंगे जिसका अंतिम निर्णय राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा किया जाएगा ।
  10. ANP पुलिस/सैन्य संघ : सेना व पुलिस मे कार्यरत कर्मचारियो के परिवारजनो को निःशुल्क सदस्यता प्रदान की जाएगी । प्रत्येक जिले मे 1 जिलाध्यक्ष ( जो सरकारी कर्मचारी ना हो) 3 वर्ष के लिए राष्ट्रीय व राज्य कार्यकारिणी द्वारा नियुक्त किया जाएगा ।

 

                     (1) सदस्यो की सूची

* जिला स्तर पर प्रारम्भिक सदस्यो की सूची जिला अध्यक्ष द्वारा निर्मित की जाएगी । सक्रिय सदस्यो की सूची को महासचिव , राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजी जाएगी ।

* फर्जी सदस्यो की शिकायत सूची बनाकर सबूत के साथ जिला अध्यक्ष , प्रदेश अध्यक्ष , राष्ट्रीय अध्यक्ष से की जाती है तो वे इसकी निष्पक्ष जांच करेंगे और यदि फर्जी सदस्य पाया जाता है तो पार्टी के किसी भी पद के अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा । राष्ट्रीय अध्यक्ष का निर्णय अंतिम व सर्वमान्य होगा ।

* सदस्यता सूची मे सदस्य का नाम , स्थायी पता , ईमेल, 2 मोबाइल नंबर , जन्म तिथि ,epic नंबर अंकित होगा जिसे पूर्ण भरकर पार्टी की सदस्यता ग्रहण की जा सकेगी ।

                   (2) सदस्यता की समाप्ती तथा निलंबन

* त्याग पत्र देने , मृत्यु होने , पार्टी से निकाले जाने , किसी अन्य पार्टी से जुडने पे सदस्यता समाप्त मानी जाएगी ।

* पार्टी के किसी सदस्य पर अनुशासनात्मक कार्यवाही लंबित होने पर सदस्य को निलंबित किया जा सकता है । पार्टी मे रहकर विश्वासघात करने वाले , पार्टी की गुप्त जानकारियां अन्य पार्टियो तक पहुचाने वाले को पार्टी अध्यक्ष तत्काल पार्टी से निष्काषित कर सकते है ।

                   (3) पार्टी के प्रमुख संगठन/अंग

पार्टी के निम्नलिखित अंग होंगे:

  1. राष्ट्रीय स्तरीय संगठन –
  1. राष्ट्रीय सम्मेलन
  2. राष्ट्रीय कार्यकारिणी
  3. केंद्रीय कार्यकारिणी

  2 . राज्य स्तरीय संगठन

  1. राज्य सम्मेलन
  2. राज्य कार्यकारिणी
  3. राज्य संसदीय बोर्ड

 3. जिला स्तरीय संगठन

            (क) जिला सम्मेलन

(ख) जिला कार्यकारिणी

4. नगरीय संगठन

            (क) नगर निगम सम्मेलन / कार्यकारिणी

            (ख) नगर पालिका सम्मेलन / कार्यकारिणी

5. विधानसभा क्षेत्र स्तरीय संगठन

            (क) विधानसभा क्षेत्र सम्मेलन

            (ख) विधानसभा क्षेत्र कार्यकारिणी

6. प्रारम्भिक समिति

7. संरक्षक समिति

                     (क) राज्य की इकाइयो का क्षेत्र

राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों मे राज्य इकाइयो का गठन किया जाएगा । राज्य इकाइयो एवं केंद्र शासित प्रदेशों का मुख्यालय किसी भी जिले मे स्थापित किया जाएगा ।

                                     (ख) कार्यकाल

प्रत्येक कार्यकारिणी, समिति , सम्मेलन तथा पदाधिकारियों का कार्यकाल अधिकतम 3 वर्ष का होगा ।

                     (ग) सदस्यो की चुनाव प्रक्रिया तथा नामांकन

लोकतान्त्रिक चुनाव प्रक्रिया के माध्यम से दल के सभी शीर्ष स्तरीय अधिकारियों, प्रतिनिधियों, समितियों, प्रत्येक कार्यकारिणी, का गठन किया जाएगा । निकायो के चुनाव होने की अवधि तक उनका नामांकन अधिकतम एक वर्ष की अवधि तक के लिए और यह नामांकन, समिति, निकाय की कुल संख्या के 1/3 से अधिक नहीं होगा ।

                           (घ) प्रारम्भिक समिति

* प्रारम्भिक समिति का एक मतदान केंद्र होगा

* 3.5 लाख से अधिक आबादी वाले नगरो को इस संविधान के अंतर्गत अलग जिला माना जाएगा ।

* इस संविधान मे केंद्र शासित प्रदेशों को भी राज्य समान माना जाएगा

* नगर पंचायत के प्रत्येक वार्ड को प्रारम्भिक समिति माना जाएगा

* 30 प्रारम्भिक सदस्यो पर प्रारम्भिक समिति अध्यक्ष सहित 5 सदस्य और 30 से ज्यादा सदस्य होने पर अध्यक्ष सहित 8 सदस्य होंगे

* प्रारम्भिक समिति का गठन करने के लिए एक मतदान केंद्र के प्रत्येक बूथ पर कम से कम 1 सक्रिय सदस्य रखा जाएगा । सक्रिय सदस्यो की सूची मे से ही प्रारम्भिक समिति का अध्यक्ष विधानसभा क्षेत्र कार्यकारिणी द्वारा घोषित किया जाएगा ।

                     (ङ) विधानसभा क्षेत्र सम्मेलन एवं कार्यकारिणी

* विधानसभा क्षेत्र सम्मेलन द्वारा अध्यक्ष सहित 31 सदस्यीय कार्यकारिणी के चुनाव के साथ साथ क्षेत्र के कुल सक्रिय सदस्यो की संख्या का 20% जिला सम्मेलन, 10% राज्य सम्मेलन, 5% राष्ट्रीय सम्मेलन के प्रतिनिधियों का चुनाव किया जाएगा । सभी स्तर के प्रतिनिधियों के लिए सक्रिय सदस्य होना आवश्यक है । अध्यक्ष कार्यकारिणी के सदस्यो मे से 2 उपाध्यक्ष 2 महासचिवों 4 सचिवो एवं 1 कोषाध्यक्ष को मनोनीत करेगा ।

* विधानसभा क्षेत्र कार्यकारिणी का अध्यक्ष कार्यकारिणी की बैठक 3 माह मे कम से कम एक बार अवश्य बुलाएगा ।

* विधानसभा क्षेत्र की सीमा के अंदर नगर पंचायत भी शामिल है , प्रत्येक सक्रिय सदस्य विधानसभा क्षेत्र सम्मेलन का सक्रिय सदस्य होगा ।

* विधानसभा क्षेत्र की सीमा के अंदर निवास करने वाले सक्रिय सदस्य , जिला पंचायत अध्यक्ष , जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष , जिला पंचायत सदस्य , संचालक जिला सहकारी बैंक , सभी बड़े सहकारी संस्थाओ के अध्यक्ष एवं निदेशक , विधायक, सांसद विधानसभा क्षेत्र कार्यकारिणी के पदेन सदस्य होंगे ।

                     (च) जिला सम्मेलन एवं कार्यकारिणी

जिला सम्मेलन के सदस्य इस प्रकार होंगे

* जिले के सभी वर्तमान एवं पूर्व विधायक, सांसद, अध्यक्ष एवं सदस्य जिला पंचायत, अध्यक्ष जिला सहकारी बैंक, अध्यक्ष क्षेत्र पंचायत और राज्य की शीर्ष सहकारी संस्थाओ के अध्यक्ष एवं संचालक तथा विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष जिला सम्मेलन व जिला कार्यकारिणी सदस्य होंगे ।

* जिला सम्मेलन अध्यक्ष सहित 51 सदस्यीय जिला कार्यकारिणी का चुनाव करेगा । अध्यक्ष इन सदस्यो मे से 2 उपाध्यक्ष 2 महासचिव 1 कोषाध्यक्ष 8 सचिवो को मनोनित करेगा । जिला कार्यकारिणी की बैठक 6 माह मे एक बार अवश्य बुलाई जाएगी । 3.5 लाख से कम आबादी वाले नगर पालिकाओ के सम्मेलन द्वारा जिला सम्मेलन के लिए चुने गए प्रतिनिधि जिला सम्मेलन एवं कार्यकारिणी के सदस्य होंगे ।

* 50% विधानसभा क्षेत्र समितियों के गठन के बाद जिला सम्मेलन एवं जिला कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा ।

                     (छ) नगर निगम/नगर पालिका सम्मेलन

*3.5 लाख से अधिक आबादी वाले नगर निगम/नगर पालिका के वार्ड के सम्मेलन मे वार्ड के सभी सक्रिय सदस्य शामिल होने के पात्र होंगे जो कुल सक्रिय सदस्यो मे से 20% नगर पालिका सम्मेलन, 10% राज्य सम्मेलन, 5% राष्ट्रीय सम्मेलन के लिए प्रतिनिधियों का चुनाव करेंगे ।

* नगर पालिका के सभी सक्रिय सदस्य नगर पालिका सम्मेलन के प्रतिनिधि होंगे जो 20% सक्रिय सदस्यो को जिला सम्मेलन , 10% सक्रिय सदस्यो को राज्य सम्मेलन , तथा 5% सक्रिय सदस्यो को राष्ट्रीय सम्मेलन के लिए प्रतिनिधि के रूप मे चुनेंगे ।

* नगर निगम/नगर पालिका की सीमा के अंतर्गत निवास करने वाले सभी पार्षद, अध्यक्ष, सभासद, विधायक, सांसद, ये सभी नगर निगम सम्मेलन अथवा नगर पालिका सम्मेलन के प्रतिनिधि होंगे । ये सभी नगर निगम/नगर पालिका कार्यकारिणी के पदेन सदस्य भी होंगे ।

                     (ज) नगर निगम/नगर पालिका कार्यकारिणी

* नगर निगम कार्यकारिणी मे अध्यक्ष सहित 51 सदस्यो का चुनाव नगर निगम सम्मेलन करेगा और अध्यक्ष कार्यकारिणी के सदस्यो मे से 2 उपाध्यक्ष 4 महासचिव, 1 कोषाध्यक्ष और 5 सचिवो को मनोनीत करेगा ।

* नगर निगम एक नगर पालिका के वार्ड स्तर पर भी पार्टी की इकाइयो का गठन किया जा सकेगा ।

* नगर पालिका की कार्यकारिणी मे अध्यक्ष सहित 51 सदस्यीय कार्यकारिणी का चुनाव नगर पालिका सम्मेलन करेगा । अध्यक्ष कार्यकारिणी के सदस्यो मे से 2 उपाध्यक्ष 4 महासचिव 1 कोषाध्यक्ष और 5 सचिवो को मनोनीत करेगा ।

* नगर पालिका मे प्रत्येक वार्ड मे कम से कम 5 तथा नगर निगम मे प्रत्येक वार्ड मे कम से कम 10 सक्रिय सदस्यो के होने पर ही वार्ड कमेटी का गठन किया जा सकेगा । वार्ड के प्रारम्भिक सदस्य वार्ड कार्यकारिणी अध्यक्ष सहित 20 सदस्यो का चुनाव करेंगे। अध्यक्ष सदस्यो मे से 1 उपाध्यक्ष 1 महासचिव, 1 कोषाध्यक्ष और 3 सचिवो को मनोनीत करेगा ।

* नगरपालिका/नगर निगम कार्यकारिणी का गठन केवल न्यूनतम 50% वार्ड समितियों का गठन होने पर ही संभव होगा । कार्यकारिणी की बैठक 3 माह मे 1 बार अवश्य बुलाई जाएगी ।

                           (झ) राज्य सम्मेलन

राज्य सम्मेलन के प्रतिनिधि :

* राज्य कार्यकारिणी द्वारा घोषित निर्वाचन अधिकारी की देख रेख मे विधानसभा क्षेत्र सम्मेलनों, नगर निगम/नगर पालिका (3.5 लाख आबादी) के सम्मेलनों तथा नगर पालिका (3.5 लाख आबादी) के सम्मेलनों द्वारा चयनित राज्य सम्मेलन के प्रतिनिधि ।

* पार्टी से सम्बद्ध संगठनो के जिला अध्यक्ष एवं राज्य स्तरीय अध्यक्ष भी राज्य सम्मेलन के प्रतिनिधि होंगे ।

* संबन्धित राज्य के दल के सभी सांसद, विधायक, अध्यक्ष जिला पंचायत, अध्यक्ष नगर पालिका परिषद, अध्यक्ष नगर निगम, अध्यक्ष जिला सहकारी बैंक, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, राज्य कार्यकारिणी के पूर्व अध्यक्ष, समस्त जिला कार्यकारिणी के अध्यक्ष, 3.5 लाख से अधिक आबादी वाले सभी नगर अध्यक्ष, भी राज्य सम्मेलन के प्रतिनिधि होंगे ।

* प्रत्येक वार्ड के सम्मेलन मे वार्ड के भी सक्रिय सदस्य प्रतिनिधि होंगे। विधानसभा क्षेत्र की कार्यकारिणी की तरह चुनाव करेंगे तथा कुल सक्रिय सदस्यो मे से 20% जिला सम्मेलन, 10% महानगर सम्मेलन, 5% सक्रिय सदस्यो को राष्ट्रीय सम्मेलन का प्रतिनिधि चुनेंगे । राज्य सम्मेलन का गठन करने के लिए 30% जिला सम्मेलनों / नगर निगम सम्मेलनों/ नगर पालिका सम्मेलनों का गठन होना आवश्यक है ।

                                                (ञ्) राज्य कार्यकारिणी

* राज्य सम्मेलन , राज्य कार्यकारिणी के लिए सभी 70 विधानसभा से अधिक विधानसभा वाले राज्यो के लिए अध्यक्ष सहित 51 सदस्यो और शेष राज्यो के लिए अध्यक्ष सहित 31 सदस्यो का निर्वाचन करेगा । अध्यक्ष कार्यकारिणी के सदस्यो मे से एक उपाध्यक्ष, एक महासचिव, एक कोषाध्यक्ष एवं 12 सचिवो को मनोनीत करेगा ।

* राज्य विधानसभा एवं विधानपरिषद मे पार्टी विधायक दल के नेता राज्य कार्यकारिणी के पदेन सदस्य होंगे ।

* राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य अपने अपने राज्यो मे राज्य कार्यकारिणी के पदेन सदस्य होंगे । सम्बद्ध संगठनो के राज्य अध्यक्ष एवं सहकारी शीर्षस्थ संस्थाओ के राज्य अध्यक्ष राज्य कार्यकारिणी के पदेन सदस्य होंगे ।

* राज्य कार्यकारिणी का अध्यक्ष 3 माह मे कम से कम एक बार राज्य कार्यकारिणी की बैठक अवश्य बुलाएगा ।

* राज्य कार्यकारिणी के 50% सदस्यो अथवा राज्य सम्मेलन के 50% सदस्यो की मांग पर राज्य कार्यकारिणी एवं राज्य सम्मेलन की बौठक बुलाई जाएगी ।

* राज्य सम्मेलन 3 वर्ष मे एक बार अवश्य आहूत किया जाएगा ।

                           (ट) राज्य संसदीय बोर्ड

* प्रत्येक राज्य स्तरीय बोर्ड के सदस्यो की संख्या अध्यक्ष सहित 9 होगी । राज्य कार्यकारिणी का अध्यक्ष पार्लियामेंट्री बोर्ड का अध्यक्ष होगा तथा महासचिव बोर्ड का सचिव होगा । राज्य अध्यक्ष विधानमण्डल दल के नेता सहित अधिकतम 8 व्यक्तियों को संसदीय बोर्ड का सदस्य मनोनीत करेगा ।

* राज्य संसदीय बोर्ड अपने अपने राज्यो मे लोकसभा, विधानसभा, एवं स्थानीय निकाय के चुनावो के समय प्रत्याशियों के नामो का पैनल केंद्रीय संसदीय बोर्ड को भेजेगा ।

* राज्य संसदीय बोर्ड विधान मंडलो एवं स्थानीय निकायो मे आर्यवर्त राष्ट्रवादी पार्टी के सदस्यो के लिए मार्गदर्शक का कार्य करेगा ।

                           (ठ) राष्ट्रीय सम्मेलन

(1) राष्ट्रीय सम्मेलन मे निम्नलिखित प्रतिनिधि होंगे :

* प्रत्येक राज्य मे राष्ट्रीय सम्मेलन के लिए चयनित प्रतिनिधि

* राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सभी पदाधिकारी एवं सदस्य

* पार्टी के सभी राज्य अध्यक्ष, सम्बद्ध संगठनो के सभी राज्य एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष

* पार्टी के सभी संसद सदस्य , सभी विधायक, सभी पूर्व विधायक व सांसद, सभी जिला पंचायत अध्यक्ष

* सभी पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष, सचिव, महासचिव,

* राष्ट्रीय सम्मेलन के प्रतिनिधि, कार्यकारिणी के पदाधिकारी, वर्तमान विधायक सांसद जिला पंचायत अध्यक्ष, भूतपूर्व विधायक सांसद राष्ट्रीय अध्यक्ष, कुल प्रतिनिधियों के 10% प्रतिनिधि राष्ट्रीय सम्मेलन हेतु राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा मनोनीत किए जाएंगे ।

(2) राष्ट्रीय कार्यकारिणी के प्रस्ताव पर अथवा राष्ट्रीय सम्मेलन के 33% सदस्यो की मांग पर राष्ट्रीय सम्मेलन का विशेष अधिवेशन राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा कभी भी बुलाया जा सकता है ।

(3) राष्ट्रीय सम्मेलन की बैठक 3 वर्ष मे 1 बार राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा निर्धारित तिथि एवं स्थान पर बुलाई जाएगी ।

(4) राष्ट्रीय सम्मेलन के प्रतिनिधियों के चयन को लेकर यदि किसी को कोई आपत्ति है तो वह राष्ट्रीय अध्यक्ष के समक्ष लिखित रूप से आपत्ति कर सकता है । राष्ट्रीय अध्यक्ष का निर्णय अंतिम होगा तथा निर्णय के खिलाफ किसी भी न्यायालय मे चुनौती स्वीकार नहीं की जाएगी ।

                           (ड) राष्ट्रीय कार्यकारिणी

* राष्ट्रीय कार्यकारिणी मे अध्यक्ष सहित 51 सदस्य होंगे । राष्ट्रीय सम्मेलन अध्यक्ष सहित 26 सदस्यो का निर्वाचन करेगा । राष्ट्रीय अध्यक्ष 25 सदस्यो को राष्ट्रीय कार्यकारिणी के लिए मनोनीत करेगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष कार्यकारिणी के सदस्यो मे से 1 उपाध्यक्ष 1 कोषाध्यक्ष 6 महासचिवों, 6 सचिवो को मनोनीत करेगा।

* आर्यवर्त राष्ट्रवादी पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन या विशेष सम्मेलन द्वारा लिए गए फैसलो को निर्वाह करने का दायित्व राष्ट्रीय कार्यकारिणी का होगा ।

* आर्यवर्त राष्ट्रवादी पार्टी के विभिन्न धाराओ की व्याख्या एवं प्रयोग संबंधी मामलो मे राष्ट्रीय कार्यकारिणी का अधिकार अंतिम व सर्वमान्य होगा ।

* सम्मेलन की पिछली बैठक की कार्यवाही का विवरण और उस बैठक की विषय सूची , आर्यवर्त राष्ट्रवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के समक्ष रखी जाएगी ।

* राष्ट्रीय सम्मेलन का कोई सदस्य यदि सम्मेलन की बैठक मे कोई प्रस्ताव लाना चाहता है तो वह सम्मेलन की बैठक से कम से कम 14 दिन पहले राष्ट्रीय कार्यकारिणी के समक्ष अपना प्रस्ताव भेजेगा । राष्ट्रीय कार्यकारिणी प्रस्ताव से सहमत होने की दशा मे उसे विचार हेतु सम्मेलन मे ला सकती है ।

* राष्ट्रीय कार्यकारिणी आर्यवर्त राष्ट्रवादी पार्टी की समस्त इकाइयो के रिकॉर्ड अभिलेख कागजात और बहीखातों की जांच करने के लिए लेखा परीक्षकों या अन्य अधिकारियों की नियुक्ति कर सकता है । सभी इकाइयो के लिए इन लेखा परीक्षकों एवं अधिकारियों को वांछित सूचना उपलब्ध कराना अनिवार्य है ।

* पार्टी को संयमित रूप से चलाने के लिए नियम बनाना, नियमो का संचालन कराना , राष्ट्रीय कार्यकारिणी का अधिकार होगा। राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा इस तरह से बनाए गए नियमो का अनुमोदन राष्ट्रीय सम्मेलन की अगली बैठक मे अनिवार्य रूप से किया जाएगा । इस तरह का नियम राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा बनाए जाने के तुरंत बाद से ही लागू हो सकेंगे।

* पार्टी के संविधान के अधीन विभिन्न इकाइयो को निर्देश देने का अधिकार राष्ट्रीय कार्यकारिणी का होगा ।

* वह तारीख जिस पर पार्टी के जिला और राज्य इकाइयो तथा राष्ट्रीय सम्मेलन के गठन का कार्य पूर्ण होगा ।

* राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 3 माह मे कम से कम एक बार अध्यक्ष द्वारा अवश्य बुलाई जाएगी ।

* संसदीय दल का नेता राष्ट्रीय कार्यकारिणी का पदेन सदस्य होगा । राज्य कार्यकारिणी के अध्यक्ष और पार्टी के विधान मण्डल दल के नेता राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पदेन सदस्य होंगे ।

                     अनुच्छेद 5: दल के पदाधिकारी

                         (क) अध्यक्ष 

* अध्यक्ष राष्ट्रीय कार्यकारिणी , राष्ट्रीय सम्मेलन एवं दल के विशेष अधिवेशनों की अध्यक्षता करेगा ।

* पार्टी का अध्यक्ष, राष्ट्रीय कार्यकारिणी के अनुमोदन की प्रत्याशा मे अनुशाशन संबंधी कोई भी कार्यवाही करने मे सक्षम होगा। यदि अध्यक्ष इस बात से संतुष्ट है की पार्टी आचरण पार्टी विरोधी है तो अध्यक्ष ऐसे किसी भी पदाधिकारी, सदस्य या सदस्यो को पार्टी से निलंबित कर सकता है । लेकिन ऐसे मामलो को जांच के लिए संबन्धित अनुशाशन समिति को प्रेषित करना होगा

* अध्यक्ष को कार्यकारिणी की बैठक बुलाने का अधिकार होगा । कार्यकारिणी के 50% सदस्यो की मांग पर अध्यक्ष राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाने के लिए बाध्य होगा।

* कार्यकारिणी के किसी सदस्य की मृत्यु होने , त्यागपत्र देने , पार्टी से निकले जाने के कारण रिक्त हुवे स्थानो को अध्यक्ष राष्ट्रीय कार्यकारिणी की अनुमति से शेष कार्यकाल के लिए मनोनय के द्वारा भर सकेगा ।

* राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक ना होने की अवधि मे राष्ट्रीय अध्यक्ष , राष्ट्रीय कार्यकारिणी के अधिकारो का प्रयोग कर सकेगा , इस दौरान लिए गए निर्णय की पुष्टि कार्यकारिणी की अगली बैठक मे करनी होगी ।

* पार्टी से जुड़े संगठनो के राष्ट्रीय अध्यक्षों , पदाधिकारियों एवं कार्यकारिणी के सदस्यो को मनोनीत करने का अधिकार राष्ट्रीय अध्यक्ष का होगा । सम्बद्ध संगठनो की राज्य कार्यकारिणी का गठन राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनय के द्वारा करेगा ।

                           (ख) उपाध्यक्ष

अध्यक्ष के अनुपस्थित होने पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी या राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता अध्यक्ष द्वारा नामित उपाध्यक्ष करेगा । समय समय पर अध्यक्ष द्वारा प्रदत्त अधिकारो के तहत उपाध्यक्ष वह सभी कार्य करेगा जिसके लिए अधिकृत किया गया है ।

                           (ग) कोषाध्यक्ष

कोषाध्यक्ष पार्टी के कोष का व्यवस्थापक होगा। वह समस्त पूंजी विनियोग आमदनी तथा खर्च का हिसाब रखेगा ।

                                      (घ) महासचिव

महासचिव पार्टी के अधिवेशन , विशेष अधिवेशन की कार्यवाही तैयार करेगा तथा उसका प्रकाशन कराना नामित महासचिव का दायित्व होगा। राष्ट्रीय सम्मेलन व राष्ट्रीय कार्यकारिणी के कार्य का विवरण तैयार करना होगा और उसे अगली बैठक मे प्रस्तुत करने का कार्य भी महासचिव का होगा।

                           (ङ) सचिव

अध्यक्ष एवं महासचिव से परामर्श करते हुवे उनके निर्देशानुसार पार्टी के लिए कार्य करेगा ।

विशेष अनुबंध : इस संविधान के प्रावधानों के अनुसार संबन्धित सम्मेलनों का गठन ना होने पर विधानसभा क्षेत्र, नगर निगम , नगर पालिका, जिला कार्यकारिणी, तथा राज्य कार्यकारिणी का मनोनय सदस्यो के द्वारा किया जाएगा ।

                        (च) केंद्रीय संसदीय बोर्ड

पार्टी का एक केन्द्रीय संसदीय बोर्ड होगा । पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष इसका अध्यक्ष होगा , महासचिव बोर्ड का सचिव होगा । इसमे सदस्यो की संख्या 10 होगी । राष्ट्रीय अध्यक्ष , राष्ट्रीय कार्यकारिणी के अनुमोदन से संसदीय दल के नेता सहित अधिक से अधिक 6 सदस्यो को संसदीय बोर्ड के लिए मनोनीत करेगा । राज्य के विधानमंडलों एवं संसद के निर्वाचन हेतु प्रत्याशियों का चयन करने वाली अंतिम निर्णायक संस्था के रूप मे केन्द्रीय संसदीय बोर्ड कार्य करेगा । चुनाव टिकट या आवंटन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के हस्ताक्षर से होगा अथवा राष्ट्रीय अध्यक्ष जिस व्यक्ति को अधिकृत करेगा उसके हस्ताक्षर से चुनाव टिकट का आवंटन हो सकेगा ।

                     (छ) राज्य संसदीय बोर्ड

पार्टी के प्रत्येक राज्य संसदीय बोर्ड की सदस्य संख्या अध्यक्ष सहित 10 होगी । राज्य कार्यकारिणी का अध्यक्ष राज्य संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष होगा तथा नामित महासचिव बोर्ड का महासचिव होगा । प्रदेश कार्यकारिणी के अनुमोदन से विधानमंडल दल के नेता सहित अधिकतम 6 व्यक्तियों को राज्य संसदीय बोर्ड का सदस्य मनोनीत करेगा। राज्य संसदीय बोर्ड विधानमंडलों एवं स्थानीय निकायो मे पार्टी के सदस्यो के लिए मार्गदर्शक का कार्य करेगा। राज्य संसदीय बोर्ड अपने अपने राज्यो मे लोकसभा, विधानसभा, एवं स्थानीय निकायो के चुनावो मे प्रत्याशियों के नामो का पैनल केन्द्रीय संसदीय बोर्ड को भेजेगा।

                    (ज) संरक्षक समिति

राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी द्वारा मनोनीत किए गए सदस्य इस समिति के सदस्य होंगे जिनकी संख्या राष्ट्रीय कार्यकारिणी के अनुमोदन द्वारा निर्धारित की जाएगी। इस समिति मे पार्टी की विचारधारा की तरह विचार रखने वाले सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी, राष्ट्रीय खिलाड़ी, वैज्ञानिक, अर्थशास्त्री, डॉक्टर, इंजीनियर आदि ख्याति प्राप्त विशिष्ट व्यक्ति सम्मिलित किए जाएँगे । इनका मनोनय पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा किया जाएगा ।

                        (झ) निर्वाचन प्रक्रिया

(1) राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी का चुनाव : राष्ट्रीय कार्यकारिणी किसी वरिष्ठ सदस्यो को पार्टी के लिए निर्वाचन अधिकारी नियुक्त करेगी। निर्वाचन अधिकारियों की सहाता के लिए सहायक निर्वाचन अधिकारी की नियुक्ति भी की जाएगी। राष्ट्रीय सम्मेलन के सभी सदस्यो को निर्वाचन की सूचना फोन करके, sms से, email से , समाचार पत्रो मे प्रकाशित करके अथवा पार्टी की अधिकृत शोशल मीडिया पृष्ठ पर दी जाएगी। अध्यक्ष पद के लिए राष्ट्रीय सम्मेलन के 10 सदस्य किसी ऐसे व्यक्ति का नाम प्रस्तावित करेंगे जो राष्ट्रीय सम्मेलन का सदस्य हो । राष्ट्रीय कार्यकारिणी के लिए राष्ट्रीय सम्मेलन का एक सदस्य जो किसी अन्य सदस्य जो राष्ट्रीय सम्मेलन का सदस्य हो , का नाम प्रस्तावित करेगा । नामांकन वापसी के बाद यदि चुनाव संभव हुआ तो 5 दिन के भीतर पूर्व निर्धारित स्थान पर अध्यक्ष और कार्यकारिणी का चुनाव सम्पन्न कराया जाएगा । अध्यक्ष के उम्मीदवार मे सर्वाधिक मत पाने वाले को विजयी घोषित किया जाएगा । निर्वाचित अध्यक्ष 3 वर्ष के लिए पार्टी का अध्यक्ष होगा ।

(2) राज्य इकाइयो के अध्यक्ष और राज्य कार्यकारिणी के सदस्यो का निर्वाचन : राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा नियुक्त निर्वाचन अधिकारी चुनाव की सम्पूर्ण प्रक्रिया पूरी कराएगा । राज्य कार्यकारिणी के सदस्यो के निर्वाचन हेतु उम्मीदवार बनने के लिए राज्य सम्मेलन के किसी सदस्य के नाम का प्रस्ताव राज्य सम्मेलन के किसी अन्य सदस्य द्वारा किया जाना आवश्यक है । जिसके नाम का प्रस्ताव कम से कम 10 सदस्यो द्वारा किया गया हो वो अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बन सकता है । राज्य सम्मेलन के सदस्य कार्यकारिणी के सदस्यो के चुनाव मे एक नाम का ही प्रस्ताव कर सकेंगे। निर्वाचन अधिकारी , कार्यकारिणी के विजयी सदस्यो को घोषित करेगा । 

 

                   अनुच्छेद 6 : विवादो के निपटान एवं अनुशाशन के नियम

जिला स्तर पर उत्पन्न विवादो को राज्य कार्यकारिणी निपटाएगी। राज्य से निर्वाचन संबंधी विषय पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी किसी अधिकारी को नियुक्त करके जांच एवं विवादो का समाधान निकालेगी । राष्ट्रीय कार्यकारिणी के साथ अध्यक्ष/महासचिव का निर्णय अंतिम होगा एवं लिए गए निर्णयो के खिलाफ न्यायालय मे चुनौती को स्वीकार नहीं किया जाएगा ।

अनुशाशन समिति : अनुशाशन हीनता के मामले मे राष्ट्रीय अध्यक्ष/महासचिव एक समिति का गठन करेंगे , इसमे 2 सदस्य व एक अध्यक्ष होंगे । समिति से निश्चित समय सीमा के अंदर जांच रिपोर्ट तथा सुझाव प्राप्त करके अध्यक्ष/महासचिव अनुशासनात्मक कार्यवाही करेंगे ।

            अनुच्छेद 7 : कामकाज के संचालन की मूलभूत जानकारी

बैठक की सूचना : विधानसभा क्षेत्र कार्यकारिणी / नगर निगम / नगर पालिका कार्यकारिणी की बैठक एक सप्ताह की पूर्व सूचना पर , राज्य कार्यकारिणी की बैठक 15 दिन की पूर्व सूचना पर तथा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 20 दिन की पूर्व सूचना पर संबन्धित अध्यक्ष द्वारा सम्पन्न की जाएगी । असामान्य स्थिति मे बैठक अल्प सूचना पर भी बुलाई जा सकती है ।

बैठको की वैधता : पार्टी की विभिन्न समितियों , परिषदों , अन्य प्रतिनिधि निकायो की बैठको मे वैध होने के लिए कुल पदाधिकारियों के न्यूनतम 1/3 सदस्यो की उपस्थिती अनिवार्य है  

निर्णय लेने की प्रक्रिया : (1) विषय निर्धारण = पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी , पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन या विशेष अधिएशन से पहले जब विभिन्न प्रस्तावो के चयन हेतु बैठेगी तो उसे विषय निर्धारण समिति का नाम दिया जाएगा । राष्ट्रीय सम्मेलन विशेष अधिवेशन के लिए प्रस्ताव राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा विषय पर निर्धारित समिति को भेजे गए प्रस्ताव जिन पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी सहमत हो , विषय निर्धारण समिति के पक्ष मे रखे जाएँगे । विषय निर्धारण समिति द्वारा स्वीकृत ना होने पर अधिवेशन की बैठक के ठीक पहले यदि कम से कम 100 प्रतिनिधि इस प्रस्ताव को रखने के लिए लिखकर दे तो अध्यक्ष उस प्रस्ताव पर चर्चा के लिए समय देगा ।

कोर कमेटी : 5 सदस्यो की एक कोर कमेटी होगी जिसमे राष्ट्रीय अध्यक्ष, स्वयं राष्ट्रीय महासचिव , किन्ही दो प्रांतो के प्रांतीय अध्यक्ष/सचिव मे से 1-1 या चारो मिलकर कोर कमेटी के अध्यक्ष की नियुक्ति करेंगे । कोर कमेटी राष्ट्रीय संगठन को समय समय पर मार्गदर्शन प्रदान करेगी तथा अनुशाशन व्यवस्था, चुनाव संचालन , समन्वय तथा समस्त संगठनो की राष्ट्रीय अध्यक्ष के परामर्श अनुसार निगरानी करेगा ।  

विशेष अधिवेशन : पार्टी का राष्ट्रीय सम्मेलन 2 वर्षो मे एक बार राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा निर्धारित तिथि एवं स्थान पर होगा लेकिन राष्ट्रीय सम्मेलन के 50% सदस्यो के मांग करने पर या राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा निश्चित करने पर विशेष अधिवेशन एक माह पूर्व की सूचना पर कभी भी राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा बुलाया जा सकता है । अधिवेशन पार्टी के लिए दिशा निर्देश का कार्य करेगा ।

            अधिवेशन के लिए प्रतिनिधि राष्ट्रीय सम्मेलन के प्रतिनिधियों को ही माना जाएगा । अधिवेशन की अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा की जाएगी ।

            जिस राज्य मे अधिवेशन हो रहा है उस राज्य की कार्यकारिणी अधिवेशन के लिए स्वागत समिति के रूप मे कार्य करेगी तथा उसकी तैयारी के लिए व्यवस्था जिसमे इस हेतु धन संग्रह एवं उसका हिसाब शामिल है , राज्य कार्यकारिणी ही करेगी ।

विषय निर्धारन समिति : पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन या अधिवेशन से पहले कभी विभिन्न प्रस्तावो के चयन हेतु बैठक करेगी तो उसे विषय निर्धारन समिति माना जाएगा । राष्ट्रीय सम्मेलन विशेष अधिवेशन के प्रस्ताव राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा विषय पर निर्धारित समिति को भेजे गए प्रस्ताव और राज्य सम्मेलनों द्वारा अधिवेशन से कम से कम 15 दिन पहले राष्ट्रीय कार्यकारिणी को भेजे गए प्रस्ताव जिस पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी सहमत हो , विषय निर्धारन समिति के पक्ष मे रखे जाएँगे । विषय निर्धारण समिति द्वारा स्वीकृत ना होने पर आधिवेशन की बैठक के ठीक पहले यदि कम से कम 100 प्रतिनिधि इस प्रस्ताव को रखने के लिए लिखकर दे तो अध्यक्ष इस प्रस्ताव पर चर्चा के लिए समय देगा ।

              अनुच्छेद 8 : दल के कोश एवं लेखे

बैंक खाता : विधानसभा क्षेत्र कार्यकारिणी , जिला कार्यकारिणी, नगर पालिका कार्यकारिणी, नगर निगम कार्यकारिणी, एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के बैंक खाते पार्टी की संबन्धित इकाइयो के नाम से खोले जाएंगे और संबन्धित इकाई के अध्यक्ष एवं कोषाध्यक्ष द्वारा संयुक्त रूप से संचालित होंगे ।

            राष्ट्रीय अध्यक्ष/महासचिव के नाम से भी बैंक खाते खोले जा सकते है जो राष्ट्रीय अध्यक्ष/महासचिव के हस्ताक्षर से संचालित किए जाएंगे ।

            पार्टी से संबन्धित सभी आय स्त्रोतों, बैंक खाते, UPI, online payment संग्रह की जानकारी नियंत्रक और महालेखा परीक्षक के पैनल के लेखा परीक्षक द्वारा वार्षिक रूप से संपरीक्षित वार्षिक लेखो को वित्तीय वर्ष समाप्त होने के 6 महीनो के अंदर निर्वाचन आयोग को प्रस्तुत करेंगे । 

            अनुच्छेद 9 : दल के संविधान की संसोधन प्रक्रिया

राष्ट्रीय कार्यकारिणी के आह्वान पर आर्यवर्त राष्ट्रवादी पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन मे या निकायो की संयुक्त बैठक मे उपस्थित एवं मतदान करने वाले कुल सदस्यो के 2/3 बहुमत से इस संविधान मे संसोधन, परिवर्तन किया जाएगा । आर्यवर्त राष्ट्रवादी पार्टी द्वारा संविधान मे किए गए संसोधन को आने वाले राष्ट्रीय/विशेष अधिवेशन के सामने पुष्टि  के लिए रखना अनिवार्य होगा संविधान के संसोधन मे सभी सदस्यो, कार्यकर्ताओ, पार्टी नेताओ की सलाह पर विचार विमर्श किया जाएगा ।

                 अनुच्छेद 10 : विलयन, विभाजन, विघटन की प्रक्रिया

पार्टी अपने सिद्धांतो उद्देश्यों पर कार्यरत रहेगी किन्तु किसी प्रकार के वैचारिक मतभेद की स्थिति मे एवं जनहित, राष्ट्रहित मे पार्टी का विभाजन विघटन एवं विलयन करना पड़े या अन्य पार्टी को समर्थन देना पड़े या किसी अन्य पार्टी से समर्थन लेना पड़े तो यह पूरी तरह संभव होगा। ऐसा निर्णय आर्यवर्त राष्ट्रवादी पार्टी के सभी पदाधिकारियों वरिष्ठ नेताओ एवं संयुक्त बैठक मे उपस्थित मतदान करने वाले सदस्यो के 2/3 बहुमत से और लोकतान्त्रिक नियमो के अनुसार किया जाएगा ।

       अनुच्छेद 11 : लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 29 क(5) के अधीन           अनिवार्य प्रावधान

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 29 क(5) के उपधारा (1) के अधीन आवेदन के साथ संगम या निकाय के ज्ञापन या नियमो और विनियमों की चाहे वह जिस (आर्यवर्त राष्ट्रवादी पार्टी) विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति तथा समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता और लोकतन्त्र के सिद्धांतो के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखेगा और भारत की प्रभुता एकता और अखंडता को अक्षुण रखेगा ।

                     अनुच्छेद 12 : सम्बद्ध संगठन

आर्यवर्त राष्ट्रवादी पार्टी के संविधान के अधीन पार्टी के अन्य संगठनो की सूची इस प्रकार है ,

  1. ANP आर्यन युवा संघ
  2. ANP पिछड़ा वर्ग युवा संघ
  3. ANP अनुसूचित जाती/जनजाति युवा संघ
  4. ANP अल्पसंख्यक युवा संघ
  5. ANP रेल्वे युवा संघ
  6. ANP महिला कल्याण संघ
  7.  ANP अधिवक्ता संघ
  8. ANP व्यापार संघ
  9. ANP मजदूर किसान संघ

            इन संगठनो के राष्ट्रीय स्तर पर 1 अध्यक्ष 1 उपाध्यक्ष 1 सचिव एवं राज्य स्तर पर 1 अध्यक्ष 1 उपाध्यक्ष 1 सचिव सदस्य होंगे। जिले तथा नीचे स्तर पर प्रत्येक जिले मे 1 अध्यक्ष व 1 उपाध्यक्ष सदस्य होंगे। इन संगठनो के अध्यक्ष अपने स्तर पर आर्यवर्त राष्ट्रवादी  पार्टी के कार्यकारिणी के विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे। इन संगठनो के पदाधिकारी एवं कार्यकारिणी सदस्य आर्यवर्त राष्ट्रवादी पार्टी के सक्रिय सदस्य ही हो सकेंगे।

            जिला स्तरीय सम्बद्ध संगठनो का मनोनयन, आर्यवर्त राष्ट्रवादी पार्टी के राज्य अध्यक्ष के पूर्व अनुमोदन से ही सम्बद्ध संगठनो के राज्य अध्यक्ष द्वारा किया जाएगा । सम्बद्ध संगठनो के राज्य अध्यक्ष का मनोनयन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा किया जाएगा। सम्बद्ध संगठनो के जिला कार्यसमितियों का चयन संबन्धित संगठनो के जिला अध्यक्ष , पार्टी के जिला अध्यक्ष की सहमति और राज्य अध्यक्ष के अनुमोदन से ही कर सकेंगे । राष्ट्रीय अध्यक्ष यदि संतुष्ट हो की कोई सम्बद्ध संगठन आर्यवर्त राष्ट्रवादी पार्टी के हितो के अनुसार कार्य नहीं कर रहा है तो ऐसे सम्बद्ध संगठन को राष्ट्रीय अध्यक्ष कभी भी समाप्त कर सकता है या उसके पदाधिकारी को बर्खास्त कर सकता है ।

       अनुच्छेद 13 : पार्टी का झण्डा, चुनाव चिन्ह, पहनावा

पार्टी का चुनाव चिन्ह ' पंख फैलाया हुआ गरुण(बाज) होगा । पार्टी का झण्डा आयताकार 3:2 मे होगा । पार्टी के झंडे का रंग गहरा लाल (maroon) होगा । इस गहरा लाल रंग के झंडे पर चुनाव चिन्ह गरुण होगा ।

पार्टी के सभी सदस्य पार्टी की सभाओ, बैठको मे अपनी पसंद के वस्त्र पहनने के लिए स्वतंत्र होंगे ।      

 

 

 

 

 

 

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